हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मुस्तद्रक अला अलसाहीहैन"पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله
ما مِنْ اَحَدٍ يَكونُ عَلى شَى ءٍ مِنْ اُمورِ هذِهِ الاُْمَّةِ قَلَّتْ اَمْ كَثُرَتْ فَلايَعْدِلُ فيهِمْ اِلاّ كَبَّهُ اللّه ُ فِى النّارِ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
जो भी इस उम्मत के (छोटे, बड़े) कामों में से किसी काम को अपने जिम्में ले,लेकिन उनके दरमियां अदालत कायम न करें तो अल्लाह तआला इसे मुंह के बाल जहन्नम में धकेल देगा,
मुस्तद्रक अला अलसाहीहैन,भाग 4,पेंज 90